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वीए टेक वाबैग को सऊदी अरब सरकार से बड़ा झटका, शेयरों में भारी गिरावट
आज के दिन वीए टेक वाबैग के शेयर बाजार में हलचल मच गई। कंपनी के शेयर 18% तक गिर गए, जिससे निवेशकों में चिंता की लहर दौड़ गई। यह गिरावट एक अहम वजह से हुई – सऊदी अरब सरकार ने कंपनी को दिए 2,700 करोड़ रुपये के बड़े प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया। यह प्रोजेक्ट खारे पानी को पीने लायक मीठे पानी में बदलने की तकनीक से जुड़ा था।
क्यों है यह झटका इतना बड़ा?
वीए टेक वाबैग पानी के प्रबंधन और शुद्धिकरण के क्षेत्र में काम करने वाली एक प्रमुख कंपनी है। इसकी मार्केट वैल्यू करीब 10,000 करोड़ रुपये है। ऐसे में इतने बड़े ऑर्डर का रद्द होना न केवल कंपनी की मौजूदा आय बल्कि उसके भविष्य के लिए भी बड़ा झटका साबित हो सकता है।
कंपनी की कुल ऑर्डर बुक सितंबर 2024 की तिमाही के अंत में 14,600 करोड़ रुपये थी। इसमें सऊदी अरब के इस रद्द हुए प्रोजेक्ट का हिस्सा 18.5% था। इस प्रोजेक्ट का रद्द होना कंपनी के विदेशी कारोबार पर असर डाल सकता है, क्योंकि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर 2024) में कंपनी को 57% नए ऑर्डर विदेशों से मिले थे। इनमें से आधे से ज्यादा ऑर्डर सऊदी अरब से थे।
क्या है यह प्रोजेक्ट?
यह प्रोजेक्ट खारे समुद्री पानी को मीठे पानी में बदलने से जुड़ा था, जिसे तकनीकी भाषा में “डिसलिनेशन” कहते हैं। यह प्रक्रिया उन देशों में खासतौर पर महत्वपूर्ण है, जहां प्राकृतिक मीठे पानी के स्रोत कम हैं। सऊदी अरब जैसे देशों में, जहां पानी की भारी कमी है, ऐसे प्रोजेक्ट पर्यावरण और समाज के लिए बेहद अहम माने जाते हैं।
कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव मित्तल ने इस तकनीक के बारे में बताया था कि इसमें समुद्री पानी के खारेपन को 40,000-50,000 के स्तर से घटाकर 200-300 तक लाया जाता है। इसके बाद इसे और शुद्ध करके अल्ट्रा-शुद्ध पानी (UPW) बनाया जाता है। यह पानी उद्योगों और खास तकनीकी जरूरतों के लिए उपयोग में आता है।
क्या कहते हैं बाजार के आंकड़े?
आज दोपहर 1:45 बजे तक, वीए टेक वाबैग के शेयर 11.73% की गिरावट के साथ 1,663.90 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे। यह गिरावट भले ही बड़ी हो, लेकिन 2024 के पूरे साल के प्रदर्शन को देखते हुए, कंपनी ने अब तक 160% की वृद्धि दर्ज की है। यह 2014 के बाद से किसी एक साल में कंपनी के शेयरों में सबसे तेज बढ़त है।
भविष्य की रणनीति और चुनौतियां
राजीव मित्तल ने हाल ही में एक कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा था कि कंपनी को उम्मीद है कि मार्च 2025 तक उसकी कुल ऑर्डर बुक 16,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगी। उन्होंने अगले 3-5 सालों में ऑर्डर बुक के तीन गुना होने की संभावना जताई है।
मित्तल ने यह भी बताया कि वैश्विक स्तर पर डिसलिनेशन प्रोजेक्ट्स में बड़े मौके उभर रहे हैं। उनके अनुसार, आने वाले वर्षों में अल्ट्रा-शुद्ध पानी की मांग तेजी से बढ़ेगी। उन्होंने कहा, “हम देख रहे हैं कि अल्ट्रा-शुद्ध पानी (UPW) का कारोबार वैश्विक स्तर पर बहुत तेजी से बढ़ने वाला है।”
शेयरधारकों के लिए क्या मायने रखता है यह घटना?
इस घटना ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। हालांकि कंपनी का प्रदर्शन 2024 में अब तक शानदार रहा है, लेकिन इतने बड़े ऑर्डर के रद्द होने से कंपनी की ग्रोथ पर प्रभाव पड़ सकता है।
निवेशकों के लिए यह समय धैर्य और सतर्कता से निर्णय लेने का है। कंपनी के पास तकनीकी विशेषज्ञता और वैश्विक बाजार में प्रतिष्ठा है, लेकिन अब उसे नए बाजारों में खुद को साबित करना होगा।
डिसलिनेशन और भारत की जरूरतें
डिसलिनेशन की तकनीक भारत जैसे देशों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या और जल संकट को देखते हुए, इस तकनीक का उपयोग आने वाले समय में और भी बढ़ सकता है। वीए टेक वाबैग जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
वीए टेक वाबैग को सऊदी अरब सरकार द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट के रद्द होने से बड़ा झटका लगा है। इस घटना से शेयर बाजार में हड़कंप मच गया और कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। हालांकि, कंपनी ने 2024 में अब तक शानदार प्रदर्शन किया है, और इसके चेयरमैन का मानना है कि वैश्विक स्तर पर डिसलिनेशन और अल्ट्रा-शुद्ध पानी के क्षेत्र में नए मौके मिल सकते हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी इस झटके से कैसे उबरती है और अपनी विकास यात्रा को आगे बढ़ाती है। निवेशकों और उद्योग के विशेषज्ञों की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
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