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नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन: भारत की ऊर्जा सुरक्षा का बड़ा कदम

भारत सरकार जल्द ही ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाने जा रही है। यह कदम दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों – क्रिटिकल मिनरल्स और बैटरी रिसाइक्लिंग – को एक साथ जोड़कर देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगा। आने वाले समय में सरकार “नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन” नामक एक महत्वाकांक्षी प्रोग्राम लॉन्च करने की तैयारी में है। इस मिशन का उद्देश्य न केवल क्रिटिकल मिनरल्स का सही इस्तेमाल करना है, बल्कि बैटरी रिसाइक्लिंग को भी बढ़ावा देना है। आइए, इसे विस्तार से समझते हैं।

क्या है नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन?

नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन भारत सरकार की एक रणनीतिक पहल है, जिसे देश की ऊर्जा सुरक्षा, स्टोरेज, और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है। इसका ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और जल्द ही इसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इस मिशन की समयावधि छह साल होगी और इसके लिए 30,000 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।

मिशन के मुख्य उद्देश्य

  1. क्रिटिकल मिनरल्स की उपलब्धता: लिथियम, निकेल, और कोबाल्ट जैसे क्रिटिकल मिनरल्स की खोज, खनन और प्रोसेसिंग को प्रोत्साहित करना।
  2. बैटरी रिसाइक्लिंग: बैटरियों में इस्तेमाल होने वाले मिनरल्स को रिसाइकिल करने के लिए नई तकनीकों और प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना।
  3. इंसेंटिव स्कीम: माइनिंग और प्रोसेसिंग के लिए पीएलआई (प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव) जैसी योजनाएं लागू करना।
  4. आत्मनिर्भर भारत: क्रिटिकल मिनरल्स इकोसिस्टम को मजबूत कर भारत को आत्मनिर्भर बनाना।

क्रिटिकल मिनरल्स क्यों हैं जरूरी?

आज की तेज़ी से बदलती दुनिया में क्रिटिकल मिनरल्स का महत्व बढ़ता जा रहा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs), सोलर पैनल्स, और अन्य ग्रीन एनर्जी उपकरणों के निर्माण में लिथियम, निकेल, और कोबाल्ट जैसे मिनरल्स की अहम भूमिका होती है। लेकिन, इन मिनरल्स की वैश्विक उपलब्धता सीमित है और भारत जैसे बड़े देश को अपनी जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता है।

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कैसे काम करेगा यह मिशन?

इस मिशन के तहत सरकार लिथियम, निकेल, और कोबाल्ट जैसे मिनरल्स की खोज और खनन को भारत और अन्य देशों में प्रोत्साहित करेगी।

  1. माइनिंग और एक्सप्लोरेशन: देश के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन मिनरल्स की खोज को बढ़ावा देना।
  2. प्रोसेसिंग क्षमता: खनन के बाद इन मिनरल्स को प्रोसेस करने की क्षमता विकसित करना।
  3. रिसाइक्लिंग: बैटरियों में इस्तेमाल होने वाले मिनरल्स की रिसाइक्लिंग को प्राथमिकता देना। इससे न केवल आयात पर निर्भरता कम होगी, बल्कि पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  4. इंसेंटिव योजनाएं: माइनिंग और प्रोसेसिंग के लिए कंपनियों को इंसेंटिव दिया जाएगा, जिससे इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित किया जा सके।

बैटरी रिसाइक्लिंग का महत्व

बैटरियों में इस्तेमाल होने वाले कई मिनरल्स सीमित संसाधन हैं। यदि इन्हें रिसाइकिल नहीं किया गया, तो आने वाले समय में इनकी कमी हो सकती है। इस मिशन के तहत सरकार बैटरी रिसाइक्लिंग को एक बड़ा बूस्ट देने की योजना बना रही है। इससे न केवल कच्चे माल की कमी पूरी होगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।

इकोसिस्टम का 360-डिग्री समाधान

इस मिशन का उद्देश्य भारत के क्रिटिकल मिनरल्स इकोसिस्टम को 360-डिग्री समाधान प्रदान करना है। इसमें खनन, प्रोसेसिंग, और रिसाइक्लिंग से लेकर अनुसंधान और विकास तक सभी पहलुओं को कवर किया जाएगा। यह मिशन न केवल ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा।

बजट और संभावनाएं

इस मिशन के लिए 30,000 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। यह राशि माइनिंग, प्रोसेसिंग, और रिसाइक्लिंग के लिए विभिन्न इंसेंटिव स्कीम्स पर खर्च की जाएगी।

आम लोगों के लिए क्या मायने रखता है यह मिशन?

  1. सस्ते इलेक्ट्रिक व्हीकल्स: क्रिटिकल मिनरल्स की उपलब्धता से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कीमतें कम हो सकती हैं।
  2. हरित ऊर्जा: यह मिशन भारत की हरित ऊर्जा की ओर बढ़ने की गति को तेज करेगा।
  3. रोजगार के अवसर: माइनिंग, प्रोसेसिंग, और रिसाइक्लिंग के क्षेत्र में नए रोजगार सृजित होंगे।
  4. आत्मनिर्भरता: आयात पर निर्भरता कम होने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

भविष्य की चुनौतियां और उम्मीदें

हालांकि, इस मिशन की सफलता के लिए कई चुनौतियां भी होंगी। माइनिंग और प्रोसेसिंग के लिए सही तकनीक और संसाधनों की जरूरत होगी। इसके अलावा, पर्यावरणीय प्रभावों को भी ध्यान में रखना होगा।

लेकिन, अगर इसे सही तरीके से लागू किया गया, तो यह मिशन भारत को ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। यह न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन भारत के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह मिशन न केवल देश को क्रिटिकल मिनरल्स और बैटरी रिसाइक्लिंग में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करेगा। सरकार की यह पहल देश के भविष्य को हरित और सस्टेनेबल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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